थोड़ा सा रंग, थोड़ी सी ठंडाई;
    कृषण की पलटन, बरसाना में आई;
    राधा की सहेलियों ने लट्ठ बरसाये;
    मस्करी में अय दोस्त हम होली मनायें।
    होली के त्यौहार का हार्दिक अभिनन्दन।
       मुझे नहीं मालूम था कि तू इतना खडूस, बददिमाग, ज़ाहिल और बेगैरत इंसान है। परन्तु भगवान् का अहसान मान कि तू इंसान है।
  बुरा ना मानो  होली है।
   
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